ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आरक्षण के उद्देश्यों के लिए एससी के उप-वर्गीकरण की अनुमति दी...✍
एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उसके 2004 के फैसले पर सात या उससे अधिक जजों की बेंच द्वारा पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें कहा गया था कि राज्यों के पास कोटा देने के लिए अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को आगे उप-वर्गीकृत करने का अधिकार नहीं है। इस फैसले ने पिछले रुख को खारिज कर दिया और आरक्षण के उद्देश्य से एससी और एसटी श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति दी।
In a significant verdict, the Supreme Court ruled that its 2004 judgment holding that states do not have the power to further sub-classify the Scheduled Castes (SC) and Scheduled Tribes (ST) for grant of quotas needed to be revisited by a seven or more judges bench. This decision overruled the previous stance and allows for sub-classification within the SC and ST categories for the purpose of reservation.