Editor Voice :: Cong wants an apology from Shah after accusing him of insulting Ambedkar in a speech to Parliament...✍

The controversy stems from remarks made by Union Home Minister Amit Shah during a speech. The speech was part of a two-day debate commemorating the “Glorious Journey of 75 Years of the Constitution of India.” During his address, Shah criticized the Congress party, accusing it of exploiting Dr. B.R. Ambedkar’s name for political purposes. He stated that repeatedly invoking Ambedkar’s name had become a “fashion” and remarked:

“Abhi ek fashion ho gaya hai - Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar. Itna naam agar bhagwan ka lete to saat janmon tak swarg mil jata (It has become a fashion to say Ambedkar repeatedly. If they had taken God’s name so many times, they would have attained heaven seven times).”

This statement was perceived by opposition parties, particularly the Congress, as disrespectful toward Dr. B.R. Ambedkar and his legacy.

The demand for an apology from Amit Shah underscores how sensitive discussions around historical figures like Dr. B.R. Ambedkar remain in Indian politics today—especially when tied to issues like caste dynamics or constitutional values. While no resolution has yet been reached regarding this specific incident, it remains a flashpoint in ongoing debates about social justice policies under BJP rule versus previous governments led by Congress.

विवाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एक भाषण के दौरान की गई टिप्पणियों से उपजा है। यह भाषण “भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय बहस का हिस्सा था। अपने संबोधन के दौरान, शाह ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए उस पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर का बार-बार नाम लेना एक “फ़ैशन” बन गया है और टिप्पणी की:

“अभी एक फ़ैशन हो गया है - अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

इस बयान को विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर और उनकी विरासत के प्रति अपमानजनक माना।

अमित शाह से माफ़ी मांगने की मांग इस बात को रेखांकित करती है कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के बारे में चर्चा आज भी भारतीय राजनीति में कितनी संवेदनशील है - खासकर जब जातिगत गतिशीलता या संवैधानिक मूल्यों जैसे मुद्दों से जुड़ी हो। हालाँकि इस विशिष्ट घटना के बारे में अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है, लेकिन यह भाजपा शासन बनाम कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों के तहत सामाजिक न्याय नीतियों के बारे में चल रही बहसों में एक महत्वपूर्ण बिंदु बना हुआ है।