Editor Voice :: One Nation One Election Bill Tabled in Lok Sabha
- One Nation One Election Bill Tabled in Lok Sabha
The contentious One Nation One Election bill is set to be introduced in the Lok Sabha today, December 17, 2024. This legislative proposal aims to synchronize elections for the Lok Sabha and state assemblies across India, thereby reducing the frequency of elections and potentially lowering costs associated with conducting multiple polls. The introduction of this bill has been met with significant political debate, as it is perceived by some opposition leaders as “anti-democratic” and “authoritarian.”
The Union Law Minister will present the Constitution (One Hundred and Twenty-Ninth Amendment) Bill, 2024, which could be referred to a joint committee of both Houses for further discussion. The ruling Bharatiya Janata Party (BJP) has issued a three-line whip to its Members of Parliament (MPs), mandating their presence during the tabling of this bill.
The political landscape surrounding the One Nation One Election initiative is highly charged. Critics argue that such a move could centralize power and diminish the autonomy of state governments, while proponents claim it would streamline governance and enhance administrative efficiency. The outcome of today’s proceedings in the Lok Sabha will be pivotal in determining whether this bill progresses through Parliament or faces significant opposition that could stall its implementation.
- एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश किया गया
विवादास्पद एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक आज, 17 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधायी प्रस्ताव का उद्देश्य भारत भर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है, जिससे चुनावों की आवृत्ति कम हो और संभावित रूप से कई चुनाव कराने से जुड़ी लागत कम हो। इस विधेयक के पेश किए जाने पर काफी राजनीतिक बहस हुई है, क्योंकि कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे "लोकतंत्र विरोधी" और "सत्तावादी" माना है।
केंद्रीय कानून मंत्री संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेंगे, जिसे आगे की चर्चा के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें इस विधेयक को पेश किए जाने के दौरान उनकी उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
एक राष्ट्र एक चुनाव पहल को लेकर राजनीतिक परिदृश्य काफी गर्म है। आलोचकों का तर्क है कि इस तरह के कदम से सत्ता का केंद्रीकरण हो सकता है और राज्य सरकारों की स्वायत्तता कम हो सकती है, जबकि समर्थकों का दावा है कि इससे शासन-प्रशासन सुव्यवस्थित होगा और प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। लोकसभा में आज की कार्यवाही का नतीजा यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह विधेयक संसद में आगे बढ़ेगा या इसे भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा जो इसके कार्यान्वयन को रोक सकता है।