"सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर नए सर्वेक्षण और मुकदमों पर रोक लगाई"...✍
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण से संबंधित नए मुकदमों के पंजीकरण और आदेश पारित करने पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में लिया। यह अधिनियम पूजा स्थलों की धार्मिक प्रकृति को 15 अगस्त, 1947 के अनुसार बदलने पर रोक लगाता है।
इस कदम का उद्देश्य यथास्थिति बनाए रखना और धार्मिक स्थलों पर आगे के कानूनी विवादों को रोकना है, जब तक कि न्यायालय इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता। यह धार्मिक स्थल के स्वामित्व और संरक्षण के विवादास्पद मुद्दे को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
"Supreme Court Hits Pause on New Surveys and Lawsuits Over Religious Spots"
The Supreme Court of India has issued an interim order halting the registration of new lawsuits and the passing of orders related to surveys of religious sites. This decision was made by a special bench led by Chief Justice Sanjiv Khanna, in response to petitions challenging the Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991. The Act prohibits changing the religious nature of places of worship as they were on August 15, 1947.
This move aims to maintain the status quo and prevent further legal disputes over religious sites until the court reaches a final decision on the matter. It's a significant step in addressing the contentious issue of religious site ownership and preservation.