The dealer asked Nirmala Sitharaman ...✍

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman recently found herself in the spotlight after a stock broker posed a challenging question about taxes during a BSE event. The broker highlighted the burden of various taxes faced by retail investors, including CGST, IGST, stamp duty, STT, and long-term capital gains tax. He expressed frustration that despite taking all the risk, he felt like the government was his “sleeping partner,” reaping the profits. Additionally, he lamented the challenges of buying a house in Mumbai due to high taxes.

Sitharaman’s initial response was, “I have no answer for that.” However, she followed up with a cryptic reply: “A sleeping partner cannot answer sitting here.” Her witty remark drew laughter from the audience, but it also sparked controversy. Critics, including the Congress party, questioned her handling of the issue, emphasizing that taxpayers are troubled by the tax burden.

Despite the humorous tone, the underlying concern remains: how can the government assist small individuals with limited resources while ensuring fair taxation? The broker’s question sheds light on the complexities of tax policies and their impact on citizens. Sitharaman’s response, though brief, reflects the challenges faced by policymakers in balancing revenue collection and public welfare.

डीलर ने निर्मला सीतारमण से पूछा...✍

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हाल ही में उस समय सुर्खियों में आ गईं जब एक स्टॉक ब्रोकर ने बीएसई के एक कार्यक्रम के दौरान करों के बारे में एक चुनौतीपूर्ण सवाल पूछा। ब्रोकर ने सीजीएसटी, आईजीएसटी, स्टांप ड्यूटी, एसटीटी और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर सहित खुदरा निवेशकों द्वारा सामना किए जाने वाले विभिन्न करों के बोझ पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि तमाम जोखिम उठाने के बावजूद उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार उनकी "सोई हुई साथी" है, जो मुनाफा कमा रही है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उच्च करों के कारण मुंबई में घर खरीदने की चुनौतियों पर भी अफसोस जताया।

सीतारमण की प्रारंभिक प्रतिक्रिया थी, "मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है।" हालाँकि, उसने एक गूढ़ उत्तर दिया: "सोता हुआ साथी यहाँ बैठकर उत्तर नहीं दे सकता।" उनकी मजाकिया टिप्पणी ने दर्शकों को खूब हंसाया, लेकिन इससे विवाद भी खड़ा हो गया। कांग्रेस पार्टी सहित आलोचकों ने इस मुद्दे को संभालने पर सवाल उठाया, इस बात पर जोर दिया कि करदाता कर के बोझ से परेशान हैं।

विनोदी लहजे के बावजूद, अंतर्निहित चिंता बनी हुई है: सरकार उचित कराधान सुनिश्चित करते हुए सीमित संसाधनों वाले छोटे व्यक्तियों की सहायता कैसे कर सकती है? ब्रोकर का प्रश्न कर नीतियों की जटिलताओं और नागरिकों पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डालता है। सीतारमण की प्रतिक्रिया, हालांकि संक्षिप्त है, राजस्व संग्रह और सार्वजनिक कल्याण को संतुलित करने में नीति निर्माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है।